Quantcast
Channel: Society – Youth Ki Awaaz
Viewing all articles
Browse latest Browse all 12594

ऊँची हमारी स्कर्ट नहीं, नीची तुम्हारी सोच है।

$
0
0

तुम लड़की हो तुम्हें ऐसे छोटे कपड़े पहनकर बाहर नहीं जाना चाहिए… तुम्हें देर रात तक यूं लकड़ों के साथ बाहर नहीं जाना चाहिए… तुम्हें पार्टी नहीं करनी चाहिए… शराब नहीं पीनी चाहिए… देर रात ऑफिस में काम नहीं करना चाहिए… अकेले मूवी देखने नहीं जाना चाहिए… वाह इन सबको रेप से बचने का सूत्र  बना दिया गया है। आजकल जहां देखो वहां लोग यही ज्ञानवर्धक कैप्सूल बाँटते हुए मिल जाएंगे।

अगर छोटे कपड़े पहनने मात्र से रेप की घटनाएं होती हैं तो साड़ी और बुर्खे वाली औरतों का रेप तो नहीं होना चाहिए था मंत्री जी। यहां तो पांच साल की बच्ची, 65 साल की बूढ़ी औरत भी सुरक्षित नहीं है। अब आखिर ऐसी कौन सी ड्रेस बनायें जिससे पुरुषों की हैवानियत से बचा जा सके?

बेंगलुरु में हुई अत्यंत दर्दनाक घटना के बाद नेताओं की बुद्धि क्षमता के अनुसार टिपण्णियां आईं। उनमें से ही एक हैं अबु आज़मी जिनके बयान से साफ़ है की सारी गलती लड़कियों की ही होती है। वैसे इनसे इस तरह के बयान की ही उम्मीद थी। आयशा टाकिया की कोई फिल्म भी तो नहीं आ रही अब।

ये बेंगलुरु जैसी बड़ी सिटी थी, इसीलिए सारे फ़ुटेज समय पर मिल जाने के कारण आरोपियों की पहचान करने में सफलता मिल सकी। लेकिन ज़रा सोचिये ऐसी हज़ारों घटनाएं रोज़ होती हैं। गाँव और कस्बों में रहने वाली औरतों के साथ। जो खेत जाते वक़्त, मजदूरी करते वक़्त और ना जाने कितनी बार इस तरह की घटनाओं का शिकार होती हैं। लेकिन वो चाहकर भी ये सब कुछ किसी से बता तक नहीं पाती। क्योंकि समाज, घर-परिवार और उनकी मर्यादा इसके आड़े आ जाती है। एक बात गाँठ बाँध लीजिये की अगर आप अपने घर की लड़कियों को लज्जा में रहने की शिक्षा दे रहें हैं तो घर के लड़कों को भी ये शिक्षा दें की सड़क पर जा रही लड़की माल नहीं होती वो भी तुम्हारी बहन एक स्त्री ही है और उसकी इज्ज़त करना सीखो।

क्यूँ एक स्त्री को छोटे कपड़े में देखते ही आपकी नसें तन जाती हैं, आपमें उत्तेजना का संचार हो उठता है, और उत्तेजना इतनी प्रबल की स्त्री का रेप कर बैठते हैं। आख़िरकार औरतें क्यूँ नहीं आपको बनियान, लुंगी, बरमूडा में देखकर उत्तेजित हो उठती हैं। हाँ बिलकुल सही सुना नहीं उत्तेजित होती हैं वो।

सो कॉल्ड पॉलिटिशियन अबु आज़मी हो या गृहमंत्री जी एक बात को हिंदी में समझ लें की लड़की को क्या पहनना है, क्या खाना है, या कैसे रहना है ये कोई पुरुष नहीं तय करेगा और इतनी घटिया सोच रखने वाले पुरुष तो बिलकुल भी नहीं। हम महिलाओं को अपनी मर्यादा और सीमाएं भलीभांति ज्ञात हैं। इसके लिए हमें पुरुषों से परामर्श लेने की आवश्यकता नहीं है।

इन जैसे नेताओं की मानसिकता दूषित हो चुकी है। जब देश में अकेली लड़की ओलम्पिक में गोल्ड जीत कर आती है, तब क्यूँ बड़े गर्व से आपका सीना चौड़ा हो जाता है। क्या तब आपको उसकी छोटी स्कर्ट नहीं दिखाई देती है। या किसी डर के कारण आप झूठी सराहना कर जाते हैं। सोचकर भी शर्म आती है की क्या यही वो भारत है जहां ” यत्र नार्यस्ति पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” का मंत्र सर्वोपरि माना जाता है। ऐसी घटनाओं के बाद ये सब बातें किताबी लगती हैं।

ख़राबी तुम्हारी सोच में है, औरतों के कपड़ों में नहीं। सोच बदलने से समाज बदलेगा कपड़े बदलने से नहीं। और हाँ भद्दी टिप्पणी देने वाले और अपराधियों को बल देने वाले नेता ये बाद याद रखें की वो भी स्त्री की पैदाइश हैं किसी अपराधी की नहीं।

 

The post ऊँची हमारी स्कर्ट नहीं, नीची तुम्हारी सोच है। appeared first and originally on Youth Ki Awaaz, an award-winning online platform that serves as the hub of thoughtful opinions and reportage on the world's most pressing issues, as witnessed by the current generation. Follow us on Facebook and Twitter to find out more.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 12594

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>