Quantcast
Channel: Society – Youth Ki Awaaz
Viewing all articles
Browse latest Browse all 12594

बेहतर और कड़े मोटर वाहन बिल की ज़रूरत की ओर इशारा करता है मुज़फ्फरपुर हादसा

$
0
0

शराब के नशे में बिहार के मुज़फ्फरपुर में तेज़ रफ़्तार बोलेरो ने जिस प्रकार स्कूली बच्चों समेत 19 लोगों को रौंद डाला, वह ना सिर्फ दुःखद और पीड़ादायी है बल्कि इस घटना ने मोटर वाहन संशोधन विधेयक-2017 को भी कटघरे में ला खड़ा किया है।

मुजफ्फरपुर की घटना, शराब पीकर वाहन चलाने के भयानक परिणामों का ऐसा जघन्यतम उदाहरण है, जो सरकार को आईना दिखलाती है कि शराब पीकर गाड़ी चलाना कितना बड़ा अपराध है।

मोटर वाहन संशोधन विधेयक-2017 में, 28 साल पुराने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में कुल 88 संशोधनों का प्रस्ताव किया गया है। यह बिल लोकसभा में पारित होकर राज्यसभा में अटका हुआ है। संसद की स्थाई समिति के बाद राज्यसभा की प्रवर समिति इस पर विचार कर अपनी राय रख चुकी है। सरकार बजट सत्र में इस विधेयक को पारित कराना चाहती है किंतु विधेयक के कुछ प्रावधान इसमें रोड़ा बने हुए हैं। खासकर इनमें शराब पीकर वाहन चलाने और लोगों को कुचलकर मार डालने पर हल्के दंड का प्रावधान भी शामिल है।

विधेयक में शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर 2000 रूपये के बजाय 10,000 रूपये के जुर्माने का प्रस्ताव तो किया गया है, लेकिन शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए किसी को मार डालने पर केवल लापरवाही से वाहन चलाने की मौजूदा सज़ा को बरकरार रखा गया है। ऐसे में वाहन चालक को जुर्माने के अलावा महज छह महीने की कैद हो सकती है। प्रवर समिति व स्थायी समिति के कुछ सदस्यों के अलावा परिवहन विशेषज्ञ ने भी अपराध के लिए सज़ा को नाकाफी बताया है।

अब सवाल उठता है कि यदि शराब पीकर गाड़ी चलाना गैरकानूनी है तो फिर शराब पीकर गाड़ी चलाने और किसी को अपंग बनाने या मार डालने को गैरइरादतन हत्या की श्रेणी में क्यों रखा जाए? क्या ऐसे व्यक्ति पर हत्या या हत्या के प्रयास का मुकदमा नहीं दर्ज होनी चाहिए?

यह प्रावधान ‘भारत बनाम इंडिया’ जैसा ही लगता है क्योंकि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले अधिकांश लोग आमीर वर्ग के, जबकि मरने वाले लोग अधिकांश मामलों में गरीब वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि इस विधेयक में जल्द से जल्द संशोधन किया जाए, जिससे इन शराबी चालकों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिया जाना तय किया जा सके।

The post बेहतर और कड़े मोटर वाहन बिल की ज़रूरत की ओर इशारा करता है मुज़फ्फरपुर हादसा appeared first and originally on Youth Ki Awaaz and is a copyright of the same. Please do not republish.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 12594

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>